नई माँ बनने वाली लेडिज को यह नहीं समझ आ पाता की क्या करना सही है और क्या करना गलत है।
माँ अक्सर बच्चे के रोने पर या फिर समय का ध्यान न रखकर उसे दूध पिलाना शुरू कर देती है
माँ को लगता है की हर थोड़े अंतराल में दूध के सेवन से बच्चा हेल्थी रहेगा लेकिन नहीं,
माँ को हमेशा यह चिंता रहती है की बच्चा भूखा तो नहीं यहीं सोचकर वह उसे थोड़ी-थोड़ी देर में दूध पिलाती रहती है लेकिन हर बच्चे के साथ ऐसा नहीं है कि उसे भी हर थोड़े समय में दूध पिलाया जाए।
चलिए आगें जानते है कब बच्चों को दूध पिलाया जाना सही है जिससे उसकी सेहत ख़राब न हो –
प्री मैच्योर बच्चे के लिए
जन्म के 14 दिन तक थोड़े समय के अंतराल में
स्वस्थ बच्चें के लिए
जन्म से 3 दिन तक थोड़े समय के अंतराल में
इसके बाद
हर 3 घंटे के अंतराल में दूध पिलाना पर्याप्त है।
यदि बच्चा 4 महीने का पूर्ण हो गया है तो उसे हर 4 घंटे के बाद दूध पिलाया जाना चाहिए।
एक साल का बच्चा भोजन (दलिया,फ्रूट,घोटी हुई सब्जियां,दाल का पानी) लेने लगता है इसलिए यदि उसे रात में सोने से कुछ समय पहले ही दूध पिला दिया जाए तो भी बेहतर है।
बच्चा रात में उठकर रोने न लगे यह सोचकर अपने मन की संतुष्टि के लिए बच्चे को जबरदस्ती दूध न पिलाये।
नींद में दूध पिलाने से बच्चे के दांतों पर भी ख़राब प्रभाव पड़ता है
बच्चें के सोते रहने पर और उसे कच्ची नींद में से उठाकर दूध नहीं पिलाया जाना चाहिए।
दूध पीते समय उनकी नींद ख़राब होती है जिससे उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
दूध में शक्कर होने के करना यह बच्चे के मुंह में बहुत समय तक रहती है और दांतों को सड़ा देती है