अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु व देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना करना बेहद शुभ फलदायी होता है। इस दिन (Akha Teej 2023) कोई शुभ कर्म करने से अक्षय फल मिलता है जिसका कभी नाश नहीं हो सकता है। इसी दिन भगवान परशुराम जी का जन्म भी हुआ था। इन दिन बसंत ऋतू ख़त्म होती है और ग्रीष्म ऋतू की शुरुआत होती है…
हैल्लों लेडीज, आपका नारीछबी में एक बार फिर से स्वागत है, आज का हमारा आर्टिकल आने वाले एक विशेष त्यौहार पर है जो की है अक्षय तृतीया। जिन्हें कुछ लोग आखा तीज के नाम से भी जानते है। आज हम इसके बारे उन सभी बातों को जानने वाले है की अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2023) क्या होती है, इसका ऐसा क्या विशेष महत्त्व, मुहूर्त है जो की इतने लोग इस दिन विशेष पूजा और उपाय करते है साथ ही जानेंगे की इस दिन क्या दान करना शुभ फलदायी होता है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े। आपको अक्षय तृतीया (Akha Teej 2023) की पूरी जानकारी इसी एक आर्टिकल में मिल जाएगी तो इस आर्टिकल के आखिरी तक हमारे साथ बने रहे…
Akha Teej Date & Time – आखा तीज इस वर्ष (Akshaya Tritiya 2023 Muhurat) 22 अप्रैल सुबह 07 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 23 अप्रैल 2023 को सुबह 07 बजकर 47 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी
Akha Teej 2023 | Akshaya Tritiya 2023 | अक्षय तृतीया की सम्पूर्ण जानकारी
क्या होती है आखा तीज (What is Akha Teej ?)
अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु व देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना करना बेहद शुभ फलदायी होता है। इस दिन कोई शुभ कर्म करने से अक्षय फल मिलता है जिसका कभी नाश नहीं हो सकता है। इसी दिन भगवान परशुराम जी का जन्म भी हुआ था। इन दिन बसंत ऋतू ख़त्म होती है और ग्रीष्म ऋतू की शुरुआत होती है व इसी दिन त्रेता और सतयुग का आरम्भ भी हुआ था इसलिए इस दिन को कृतयुगादी भी कहते है। (Akha Teej 2022)
कब मनाई जाती है अक्षय तृतीया (When is Akshaya Tritiya Celebrated ?)
आप सभी को पता ही होगा की इस वर्ष 22 अप्रैल को आखा तीज है। आपको बता दे की अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2023) हर वर्ष वैशाख के माह के शुक्ल पक्ष के तीसरी (तृतीया) तिथि को मनाया जाता है।
क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया (Why is Akshaya Tritiya Celebrated ?)
यह तिथि विशेष तौर पर भगवान परशुराम के प्रकट उत्सव से जुडी हुई है। इसके अतिरिक्त शास्त्रों में गंगा के धरती पर आगमन व कृष्ण और सुदामा के मिलन से भी इस तिथि को जुड़ा हुआ बताया गया है परन्तु यह खासतौर पर भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी के जन्म उत्सव के रूप में मनाई जाती है।
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कहाँ मनाई जाती है आखा तीज (Where is Akha Teej Celebrated ?)
हिन्दू धर्म व जैन धर्म के लोग अक्षय तृतीया को विशेष तौर पर मानते है। बुन्देलखण्ड में तो आखा तीज को तृतीया से पूर्णिमा तक बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। राजस्थान में अच्छी बरसात की कामना से पूजा की जाती है। वहीँ दूसरी ओर मालवा में मिटटी के मटके पर खरबूजा और आम के पत्ते रखकर पूजा होती है।
कैसे मनाई जाती है अक्षय तृतीया (How is Akshaya Tritiya Celebrated ?)
इस दिन पर दान धर्म किये जाते है, शुभ कार्यों को किया जाता है व इसके अलावा आखा तीज पर सोना ख़रीदा जाता है पर धन संपत्ति के लिए इस दिन किया गए उपाय बढे फायदेमंद होते है जिससे वर्षभर तिजोरी में मां लक्ष्मी का वास बना रहता है। इस दिन लक्ष्मीनारायण की पूजा का विधान है। इस दिन अपने पूर्वजों के नाम से मटकी में पानी भरकर खरबूजा, आम व अन्य मौसमी फलों को अर्पण किया जाता है जिससे पित्तरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन वैसे कई लोगों द्वारा व्रत भी धारण किया जाता है।
आखा तीज का महत्व (Importance of Akha Teej)
यह एक बहुत ही शुभ दिन होता है इस दिन किसी भी मंगल कार्य को करने से पहले मुहूर्त देखना जरुरी नहीं होता है। इन दिवस का हर एक मिनट ही मंगलमय होता है। किसी भी शुभ कार्य हो जैसे शादी, उद्घाटन, अनुष्ठान, कोई वस्तु खरीदना व कुछ भी ऐसा कार्य जिसके लिए आपको पंचांग या पंडित का सहारा लेना पडता है तो इस दिन आपको इन कामों को करने के लिए किसी भी तरह का मुहूर्त देखने की आवश्यता नहीं रहती। (Akha Teej 2023)
इस दिन के सारे योग व चौघडियाँ शुभ होती है व इसके अतिरिक्त इस दिन दान, स्नान, पूजा, तप करने से भी शुभ फल मिलते है जो की अक्षय होते है जिनका लाभ कई जन्मों तक मिलता है। इसके अतिरिक्त –
- इस दिन सोना खरीदने की भी परम्परा है जिसको मां लक्ष्मी को आगमन माना जाता है।
- इसी दिन हिन्दुओं के प्रसिद्ध स्थल बद्रीनाथ के कपाट भी अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए आज ही खुलते है।
- बांके बिहारी मंदिर के श्री विग्रह के चरण दर्शन का लाभ भी वर्ष में अक्षय तृतीया दिन ही मिलता है।
- इस दिन महाभारत ग्रन्थ का लेखन श्री गणेश और वेद व्यास द्वारा शुरू किया गया था।
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आखा तीज व्रत कथा (Vrat Katha of Akha Teej)
वैसे तो अक्षय तृतीया से जुडी बहुत सी कथाएं है ऐसी ही एक कथा आपको यंहा बताई जा रही है जिसमे एक धर्मदास नाम का वैश्य था उसके मन में सत्कर्म, देव पूजा व ब्राह्मणों के लिए काफ़ी श्रद्धा भाव था। अक्षय तृतीया व्रत का महत्त्व सुन उसने भी इस व्रत को धारण करने का निश्चय किया। उसने विधि विधान के अनुसार व्रत पूर्ण किया। गंगा में स्नान करके देवी-देवताओं की पूजा की। स्वर्ण, वस्त्र व अन्य वस्तुओं का ब्राह्मणों को दान किया। अनेक समस्याओं से घिरे होने व बूढ़े होने के बावजूद भी उसने उपवास धरकर धर्म-कर्म व दान-पुण्य किया।
यही वैश्य ने जब दूसरा जन्म पाया तो वह कुशावती का एक बहुत ही तेजस्वी राजा बना। तब से कहते है अक्षय तृतीया पर किये गए सत्कर्म के कारण ही वह इतना धनवान राजा बना। वह राजा इतना धनवान था की त्रिदेव भी आखा तीज के दिन ब्राह्मण का रूप धारण करके उस राजा द्वारा आयोजित महायज्ञ में शामिल होने आते है परन्तु इसके बाद भी उस राजा को अहंकार नहीं था व कभी भी वे धर्म के मार्ग से डगमगाए नहीं। बाद में यही राजा ने चंद्रगुप के रूप में दूसरा जन्म लिया था।
अक्षय तृतीया पर क्या दान करे (What to Donate on Akshaya Tritiya)
अक्षय तृतीया को दान करना बहुत महत्त्वकारी होता है और उसका लाभ भी कई जन्म जन्मान्तरों तक मिलता है इसलिए कुछ चीजों को दान जरुर करे।
- इस दिन जल का कोई पात्र जैसे गिलास, मटके का दान करना चाहिए।
- विभिन्न प्रकार के अनाजों (दालों, चावल, गेहूं) का दान करना भी आपके पुण्यों को बढ़ाये।
- गायों को गुड रोटी खिलाना भी अक्षय पुण्य की प्राप्ति करवाता है।
- किसी जरुरत मंद को सत्तू का दान करे।
- सुहाग की सामग्री दान करने से भी यश की प्राप्ति होती है।
- मौसमी फलों का दान भी किसी गरीब को करने से धन-संपदा में वृद्धि होती है।
आखा तीज या अक्षय तृतीया पर धन वृद्धि के लिए विशेष उपाय –
- इस दिन पूजा घर में एकाक्षी (एक आँख वाला) नारियल एक लाल कपड़े में बांध लें और इसे अपने पूजा घर में रख दे। यदि आप एक व्यापारी है तो इसे अपने तिजोरी में रखे।
- आखा तीज के दिन एक चांदी की डिब्बी लें। उसमे शहद और नागकेसर भरकर इसे अपने तिजोरी में रख देवे।
- अक्षय तृतीया के दिन एक स्वर्ण का ताबीज लें। उसमे गुलर की जड़ लेकर भर लें और इसे गले में धारण कर लें।
- अक्षय तृतीया पर 11 गोमती चक्र लेकर उसे लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दे।
- इस दिन पीले कपड़े में लक्ष्मीकारक कौड़ियो को लपेटकर धन वाली जगह पर रखने से भी धन में बढ़ोत्तरी होती है।
आपने जाना –
Akha Teej 2023 में आपने जाना की आखा तीज या अक्षय तृतीया क्या होती है, क्यों मनाई जाती है इसका क्या धार्मिक महत्व है व इस दिन क्या दान करना चाहिए। इसके आतिरिक्त इसमें हमें शुभ मुहूर्त और आखा तीज की कथा को भी बताया है। हमारी कोशिश थी की आपको आखा तीज/ अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2023) की सम्पूर्ण जानकारी एक ही आर्टिकल में मिल जाएँ। उम्मीद करते है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा तो प्लीज इसे शेयर करना न भूले।
अक्षय तृतीया के बारे में कुछ हिंदी फ्रीक्वेंटली अस्क क्यूएंस (FAQs):
अक्षय तृतीया हिंदू और जैन धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्योहार है, जो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार अप्रतिम समृद्धि और अनंत वरदान के लिए जाना जाता है।
इस दिन को समृद्धि, सफलता, लक्ष्मी, धन, विवाह आदि के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन कुछ लोग सोने या सोने के आभूषण खरीदते हैं, क्योंकि इस दिन सोने का खरीद असीमित धन लाभ का संकेत होता है।
अक्षय तृतीया के दिन लोग विशेष पूजाओं को करते हैं, मन्दिरों में जाते हैं और दान-धर्म करते हैं। पूजा के दौरान पुष्प, दीप, अर्घ्य, नैवेद्य आदि की विधिवत पूजा की जाती है।
इस दिन के महत्व का जो आधार है, वह है शुभ कार्यों के लिए अनुकूल मुहूर्त होने का माना जाना। इस दिन कुछ विशेष कार्यों जैसे विवाह, घर या वाहन की नई खरीद, धन और अन्य संपत्ति के लिए निवेश, विभिन्न धर्मिक अनुष्ठानों आदि के लिए अनुकूल मुहूर्त होता है।
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